Breaking News

डामटा उत्तरकाशी की दर्दनाक दुर्घटना

उत्तरकाशी के पास डामटा में प्राइवेट बस दुर्घटना का शिकार हुई जिसमें मध्यप्रदेश के पन्ना के दो दर्जन से ज्यादा लोग जान गँवा बैठे। कुछ लोग घायल हैं। चालक भी घायल है जो दुर्घटना का कारण स्टीयरिंग का फेल होना बता रहा है। दुर्घटना का कारण शायद जाँच से पता लग जाए। अगर स्टीयरिंग फेल हुआ तो यह प्रथम दृष्टया रख-रखाव की कमी का प्रणाम है। यह लापरवाही कहा जाएगा। यदि नींद की झपकी के कारण दुर्घटना हुई तो इसके कई कारण हो सकते है। निजी बस हो या सरकारी बस। बस चालक और परिचालक को आराम के लिए पर्याप्त समय मिलना चाहिए। पर्याप्त आराम न मिल पाने की स्थिति में भी नींद की झपकी मौत की झपकी बन जाती है। मासूमों को काल का ग्रास बनना पड़ता है। सरकार को इस मामले पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। कायदे कानून बनाने चाहिएं। सख्ती से इनका पालन होना चाहिए। धर्माटन के लिए आए पन्ना के कई लोग जीवित वापस नहीं लौट पाए। कई घरों के चिराग बुझ गए। कई घरों में मातम पसर गया। यदि, लापरवाही या अनुशासनहीनता के कारण यह दुर्घटना हुई है तो बहुत दुख की बात है। यदि, किसी तकनीकि खामी के कारण दुर्घटना हुई है तो चालक और बस के मालिक को संदेह का लाभ मिल सकता है। खास बात यह भी है कि अब तो चारधामों के यात्रापथ पहले से कहीं बेहतर हो चुके हैं। जिसके फलस्वरूप यात्रा सुरक्षित हुई है। कहीं ऐसा तो नहीं कि चालक और परिचालक मदिरा पान करके गाड़ियाँ चलाते हों। इस रोग का इलाज कैसे होगा। दारू प्रेम का रोग चालकों और परिचालकों पर हावी रहता है। इस तथ्य से इनकार नहीं किया जा सकता। इस प्रवृत्ति पर नियंत्रण के लिए कारगर उपाय जरूरी हैं। दुर्घटनाओं पर विराम लगना बहुत जरूरी है। इसके लिए सरकारी उपाय अपेक्षित है। यदि चालक-परिचालक मदिरा पान के दोषी पाए जाते हैं तो ऐसे लोगों को काली सूची में डाल दिया जाना चाहिए। चारधाम यात्रा की सुरक्षा के लिए हर सम्भव प्रयास होने चाहिएं।

Check Also

संस्कृति विभाग ने लोक सांस्कृतिक दलों एवं एकल लोक गायको को मचीय प्रदर्शन के आधार पर सूचीबद्ध

देहरादून (सू0वि0)। संस्कृति विभाग, उत्तराखंड द्वारा प्रदेश के लोक सांस्कृतिक दलों एवं एकल लोक गायको …