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इंद्रावती नदी की सहायक नदियों का उपचार कर जल स्तर बढ़ाएं : बघेल

-मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में इंद्रावती बेसिन विकास प्राधिकरण की हुई पहली बैठक

-नदी के दोनों किनारों पर वृक्षारोपण, तटबंध निर्माण और डिसिल्टिंग के दिए निर्देश

रायपुर (जनसंपर्क विभाग)।  मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आज जगदलपुर में इंद्रावती बेसिन विकास प्राधिकरण की पहली बैठक हुई। मुख्यमंत्री  बघेल इस प्राधिकरण के अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने बैठक में इंद्रावती नदी की सहायक नदियों का नरवा की तरह उपचार कर जल स्तर को बढ़ाने कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि नरवा उपचार के पूरे प्रदेश में अच्छे परिणाम आए हैं। इससे उनके जल स्तर में सात सेंटीमीटर से लेकर सात मीटर तक की वृद्धि हुई है। इस काम के लिए राशि की कमी नहीं होना चाहिए। मुख्यमंत्री  बघेल ने बैठक में कहा कि इंद्रावती नदी का महत्व बस्तर के लोग अच्छी तरह जानते हैं। इसके किनारों पर बस्तर फल-फूल रहा है। जनसंख्या में वृद्धि, जल जीवन मिशन, खेती के क्षेत्र में बढ़ोतरी तथा उद्यानिकी फसलों के विस्तार के कारण पानी का उपयोग भी बढ़ रहा है। इसके लिए नदी में पर्याप्त पानी रहना जरूरी है। उन्होंने इंद्रावती नदी पर ओड़िशा की ओर से की जा रही गतिविधियों पर चिंता जताते हुए जल संसाधन विभाग और मुख्यमंत्री सचिवालय द्वारा भारत सरकार से लगातार पत्राचार के निर्देश दिए। उन्होंने दोनों प्रदेशों के मुख्यमंत्री की बैठक के संबंध में भी प्रयास करने कहा।  बघेल ने इंद्रावती नदी के संरक्षण के लिए इसके दोनों किनारों पर वृक्षारोपण करने, तटबंध बनाने और डिसिल्टिंग के निर्देश दिए। उन्होंने नदी पर बराज और गेज बनाने के काम में तेजी लाने कहा। उन्होंने इनकी प्रगति की लगातार मॉनिटरिंग के लिए मुख्यमंत्री सचिवालय और जल संसाधन विभाग को निर्देशित किया। मुख्यमंत्री ने इंद्रावती बेसिन से जुड़े मुद्दों पर तेजी से निर्णय लेते हुए प्राधिकरण की अगली बैठक जल्द आयोजित करने को कहा। प्राधिकरण के उपाध्यक्ष   राजीव शर्मा ने इंद्रावती बेसिन विकास प्राधिकरण के गठन के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि इंद्रावती बेसिन की समस्याओं को दूर करने के लिए अब तक ठोस पहल नहीं हुई थी। प्राधिकरण का गठन समस्याओं के निराकरण में काफी मददगार होगा। उन्होंने इंद्रावती बेसिन की समस्याओं को हल करने के लिए ओड़िशा सरकार और भारत सरकार से चर्चा के लिए मुख्यमंत्री से आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने  शर्मा की मांग पर संभागायुक्त को प्राधिकरण के कार्यालय और सेट-अप का प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए।उल्लेखनीय है कि बस्तर संभाग के सुकमा जिले को छोड़कर सभी छह जिलों कांकेर, कोंडागांव, नारायणपुर, दंतेवाड़ा, बस्तर और बीजापुर के २६ विकासखंडों तथा मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले के मानपुर व मोहला विकासखंड में जलग्रहण क्षेत्र के विकास के लिए इंद्रावती बेसिन विकास प्राधिकरण का गठन किया गया है। प्राधिकरण की पहली बैठक में आज इसके गठन के उद्देश्य, प्राधिकरण के कार्य एवं शक्तियां, जोरा नाला की समस्या और उसके हल के संबंध में व्यापक चर्चा की गई। इसके साथ ही क्षेत्र में निर्माणाधीन और प्रस्तावित सिंचाई योजनाओं, जल संकट के कारण और जल संरक्षण के उपायों पर चर्चा की गई।

इंद्रावती बेसिन विकास प्राधिकरण के पदाधिकारियों ने किया पदभार ग्रहण

मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल की अध्यक्षता में गठित इंद्रावती बेसिन विकास प्राधिकरण के पदाधिकारियों ने आज मुख्यमंत्री की मौजूदगी में पदभार ग्रहण किया। प्राधिकरण के उपाध्यक्ष  राजीव शर्मा तथा सदस्यों सर्वश्री मलकीत सिंह गैंदू, रामशंकर राव और सियाराम नाग ने आज पदभार संभाला। जगदलपुर विश्राम भवन में आयोजित पदभार ग्रहण समारोह और प्राधिकरण की पहली बैठक में संसदीय सचिव  रेखचंद जैन, सांसद  दीपक बैज और  फूलोदेवी नेताम, विधायक  राजमन बेंजाम, महापौर  सफीरा साहू, नगर निगम की सभापति कविता साहू, कमिश्नर श्याम धावड़े, पुलिस महानिरीक्षक  सुंदरराज पी., वन संरक्षक मोहम्मद शाहिद, कलेक्टर  चंदन कुमार, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक  जितेन्द्र मीणा, जल संसाधन विभाग के प्रमुख अभियंता  इंद्रजीत उइके और मुख्य अभियंता  के.एस. भंडारी सहित संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

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