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मुख्यमंत्री ने राष्ट्र की एकजुटता और अखण्डता में विशेष योगदान देने वाले सिख समाज के संतों, आचार्यों तथा सेवादारों को किया सम्बोधित

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देहरादून (सू0वि0) । सिखों के दसवें गुरू श्री गुरू गोविंद सिंह जी के ३५०वें जन्मदिन को सम्पूर्ण भारत में वर्ष भर प्रकाशोत्सव के रूप में मनाये जाने की श्रृंखला में मंगलवार को गायत्री परिवार शांतिकुंज के देवसंस्कृति विश्वविद्यालय, प्तहरिद्वार के सभागार में हर्षाेल्लास के साथ मनाया गया। प्रकाशोत्सव में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत एवं केंद्र सरकार के संसदीय कार्य एवं कृषि राज्यमंत्री श्री एसएस अहलूवालिया ने राष्ट्र की एकजुटता और अखण्डता में विशेष योगदान देने वाले सिख समाज के संतों, आचार्यों तथा सेवादारों को सम्बोधित किया। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र ने कहा कि श्री गुरू गोविंद सिंह जी के ३५०वें जन्मदिवस को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की प्रेरणा से सम्पूर्ण देश में प्रकाश पर्व के रूप में मनाया जा रहा है। उत्तराखंड में इसकी शुरूआत मुख्यमंत्री आवास से की गयी है। उन्होंने गुरू गोविंद सिंह जी के बहादुरी और देश प्रेम से ओत-प्रोत जीवन पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि वे बहुप्रतिभा के धनी, कवि, वेदों के ज्ञाता, साधक, देशभक्त थे, जिन्होंने देश में देशभक्ति का जन मानस के मन में रोपण किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सभी को सुसंस्कृत एवं एकजुट राष्ट्र के अपने इतिहास को जानने के लिए गुरू गोविंद सिंह के जीवन को जरूर पढ़ना चाहिए। किस प्रकार उनके आह्वान पर देश के अलग-अलग राज्यों एवं किस प्रकार अलग अलग समाज के लोगों ने अपने प्रियजनों का बलिदान दिया और पंच प्यारे कहलाये। ये प्रकाश पर्व एक माध्यम है गुरू गोविंद सिंह जी द्वारा देश हित के लिए किये गये योगदानों के महत्व को समझने का। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र ने कहा कि आज फिर से देश को एकजुट कर विश्वशक्ति के रूप में स्थापित करने का समय है। कई अवांछनीय ताकतें देश को बांटने का प्रयास कर रही हैं, इसलिए हम सबको इन ताकतों के खिलाफ एकजुट होना है। संसदीय कार्य एवं कृषि राज्यमंत्री श्री एस.एस. अहलुवालिया ने भी उपस्थित जत्थेदारों को समागम में सम्बोधित किया।

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