घघर से भाग स्लम में अखबार बेच गुजारा करने वाले अंबरीश इस समय 10 हजार करोड़ की कंपनी ब्लिपर के मालिक हैं। अंबरीश का शुरुआत से ही स्कूली शिक्षा में मन नहीं लगा। बचपन अभावों में बीत रहा था ऐसे में अंबरीश ने घर से भाग दिल्ली जाने की ठानी। दिल्ली में अंबरीश का ठिकाना स्लम बना और गुजारे के लिए उन्होंने अखबार, मैगजीन बेचना शुरू कर दिया। एक दिन अखबार में अंबरीश ने एक ऐड देखा जिसमें बिजनस आइडिया मांगा गया था। अंबरीश ने महिलाओं को इंटरनेट मुहैया कराने वाले अपने आइडिया से 5 लाख कैश प्राइज जीत अपने इरादे जता दिए। जीते हुए पैसे से उन्होंने एक कंपनी शुरू की जो घाटे में रही। 1997 में महज 17 साल की उम्र में उन्होंने महिला सशक्तिकरण से जुड़ा एक वेब पोर्टल शुरू किया था जिसका आईपीओ लॉन्च करने में वह सफल रहे। भारत में उनका पोर्टल घाटे में रहा लेकिन उन्होंने बड़े सपनों को पूरा करने के लिए लंदन जाने का निश्चय किया। लंदन में उन्हें शराब पीने की लत लग गई। इसी दौरान जब वह अपने दोस्त के साथ पब में शराब पी रहे थे तो उनके दोस्त ने कहा कि कितना अच्छा होता की इस नोट से एलिजाबेथ बाहर आ जाएं। बस यहीं से उन्हें एक नई आइडिया मिला ऑगमेंटेड रियलिटी का और 2011 में उन्होंने ब्लिपर नाम की ऐप बनाई। ब्लिपर अब 10 हजार करोड़ की कंपनी है। हाल ही में अंबरीश को वर्ल्ड इकॉनमिक फोरम की यंग ग्लोबल लीडर लिस्ट में जगह मिली है।
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