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बीरभूम पश्चिम बंगाल का बर्बर अत्याचार

राज्यपाल ने सीएम को बुलाया
नेशनल वार्ता ब्यूरा
कुछ रोज पहले पश्चिम बंगाल के बीरभूम में हुए नरंसहार की ज्वाला अभी ठण्डी नहीं हुई है। 8 लोगों को जिनमें दो महिलाएं और एक बच्चा भी शामिल है, रात को तीन बजे घर में आग लगाकर जिन्दा जला दिया गया। यह बर्बर अग्नि काण्ड इतना भयानक था कि पश्चिम बंगाल के हाई कोर्ट को स्वतः संज्ञान लेकर सीबीआई को जाँच करने के आदेश देने पड़े। सीबीआई इस नरसंहार की जाँच कर रही है। राज्य के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने ममता को पेश होकर मामले की जानकारी देने का आदेश दिया है किन्तु ममता हाजिर नहीं हो रही हैं। शायद वह हाजिर भी नहीं होंगी। क्योंकि ममता स्वयं को सुल्ताना समझकर राजकाज चला रही हैं। हालाँकि, इस नरसंहार में हत्यारे भी टीएमसी के हैं और जला कर खाक कर दिए गए मानुष भी टीएमसी के ही बताए जा रहे हैं। दोनों पक्ष मुसलमान भी हैं। परन्तु समस्या कानून और व्यवस्था की है। वहाँ कानून और व्यवस्था नाम की कोई चीज है ही नहीं। गुजरे दिवस टीएमसी का एक विधायक नरेन्द्र नाथ खुलेआम प्रेस कॉफ्रेंस में मतदाताओं को धमकी देता हुआ सुना और देखा गया। धमकी में वह मतदाताओं को आगाह कर रहा कि अगर भाजपा को मतदान किया तो आपकी सुरक्षा की जिम्मेदारी आपकी ही होगी। इस धमकी का वीडियो वायरल भी हो गया। ये हालत है पश्चिम बंगाल की। ऐसी सूरत में गुजरे विधानसभा चुनाव में भाजपा के 70 से अधिक विधायकों का जीतना किसी चमत्कार से कम नहीं था। वहाँ मतदान के दिन हत्याएं होना आम बात है। लोकसभा की दो सीटों पर कुछ दिन बाद उप चुनाव होने जा रहे हैं। ममता बनर्जी की पूरी कोशिश है कि ये दोनों सीटे जीत ली जाएं। इसी कोशिश के तहत नरेन्द्र नाथ ने यह हरकत की है। शायद, भाजपा के किसी विधायक ने ऐसी खुली गुंडागर्दी की होती तो अभी तक पूरे देश में बवाल मचा दिया गया होता। चुनाव आयोग से देश के कानून पसंद लोग उम्मीद कर रहे हैं कि वह नरेन्द्र नाथ पर उचित कार्यवाही करेगा। हालाँकि, पश्चिम बंगाल के मामले में अभी तक के रिकार्ड के हिसाब से चुनाव आयोग ने सदा नरमी ही दिखाई है। विधान सभा में जिस तरह स्पीकर के इशारे पर भाजपा विधायकों की मरम्मत की गई वह लोकतंत्र के लिए कलंक है। विधानसभा के अंदर मचे इस प्रलय के वीडियो से बहुत कुछ हकीकत सामने आ रही है। इस सब के बावजूद मुख्यमंत्री ममता अपने गिरेबान में झाँकने को तैयार नहीं । कुल मिलाकर राज्य में लोकतंत्र की खैर नहीं । -वीरेन्द्र देव गौड, पत्रकार, देहरादून।

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  वीरेन्द्र देव गौड़/सावित्री पुत्र वीर झुग्गीवाला