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अन्तर्राजीय तमिलनाडु गिरोह के शातिर चोर गिरफ्तार, लाखों का सामान भी बरामद

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अर्जुन सिंह भण्डारी
(क्राइम ब्योरो चीफ -उत्तराखण्ड)

देहरादून: मंगलवार को दिन दहाड़े लगातार पाँच अलग-अलग जगह से सड़क किनारे खड़ी गाड़ियों से हुई चोरियों के मामले में पुलिस ने छत्तीस घंटो के अंदर आठ अभियुक्तों को चोरी किये हुए सामान के साथ शुक्रवार देर शाम गिरफ्तार कर लिया है । गिरफ्तार किये गए सभी अभियुक्त तमिलनाडु के तुच्चि जनपद के रहने वाले है व तीस साल से छपन साल तक के बीच है। शहर में बीते मंगलवार को थाना कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत दिन दहाड़े एस्ले हॉल में खड़ी फ़ोर्ड एण्डीवेयर का शीश तोड़कर उसमे रखे बैग चोरी का मामला सामने आया। ठीक कुछ देर बाद गांधी रोड स्थित द्रोण होटल के सामने खड़ी सैंट्रो व क्रेटा कार से भी ऐसी ही चोरी का मामला सामने आया। राजपुर स्थित बीकानेर के सामने खड़ी सफारी से भी बाकि दो चोरियों से मिलता चोरी का मामला सामने आया। ऐसे ही चौथी चोरी राजपुर के जाखन व पाँचवा सुभाष रोड में घटित हुआ। एक ही दिन में कुछ समय के अंतराल में लगातार हुई इस घटना में पुलिस को हैरत में डाल दिया था। घटना की गंभीरता को जानते हुए एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने तत्काल सभी थाना कोतवाली नगर, डालनवाला व राजपुर पुलिस को जल्द से जल्द इस मामले का खुलासा करने के आदेश दिए। इस बाबत एसपी सिटी , सीओ सिटी व सीओ डालनवाला के पर्यवेक्षण व निर्देशन में एसओजी टीम का गठन किया गया। पुलिस ने सभी मुखबिरों से भी जानकारी जुटाने

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में तत्परता दिखाई। पुलिस द्वारा शहर के धर्मशाला, होटलों, गेस्ट हॉउस की चेकिंग की गयी। पुलिस द्वारा राज्यों व सरहदी पुलिस से भी संपर्क साधा गया। तब पुलिस को इस मामले में साउथ इंडियन तमिलनाडु गैंग के होने का पता चला। तभी एसओजी को 23 तारीख़ को सूचना मिली की साउथ इंडियन गैंग पुनः चोरी कर सकता है। इस दौरान पुलिस को रेलवे स्टेशन के पास उनके होने की सूचना मिली। चेकिंग के दौरान पुलिस को वाणिज्यकर चैक पोस्ट पर कुछ संदिग्ध व्यक्ति खड़े दिखाई जो देखने में साउथ इंडियन लग रहे थे। पुलिस को देख कर वह सभी भागने लगे पर शाम छहः बजे पुलिस ने सभी अभियुक्तों को चोरी किये हुए बैग व सामान के साथ गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने उस सभी अभियुक्तों के पास से बैग, लैपटॉप, मोबाइल, कैमरा सहित पांचो चोरियों से मिला सामान जब्त कर लिया। पकडे जाने पर पुलिस को उन्होंने हिंदी न जानने की बात कही पर उनमे से एक दीपू ने थोड़ी अंग्रेजी जानने की बात कही तो उसने बताया कि वह सभी तमिलनाडु से है। इस पर पुलिस ने दुभाषि को बुलाया। दुभाषि को बताये अनुसार पकडे गए अभियुक्तों में दीपू(31), मित्रन(46),अनवलगन(51),मुरली(56),उदया कुमार(47),साकची बेल(35), शिवा(38), उमानाथ(47) है जो सभी तमिलनाडु के तुच्चि जनपद के रहने वाले है । इनमें से दीपू उनका लीडर है जो इन सभी को चोरी का तरीका सीखा के तमिलनाडु से दो हज़ार रुपये व चोरी के माल में आधा हिस्सा देने की बात कह कर देहरादून लाया था। इन सभी ने बताया कि यह सभी 17 तारीख़ को तमिलनाडु एक्सप्रेस से तमिलनाडु से आगरा पहुंचे। जहाँ से उसी दिन बस से आगरा से हरिद्वार के लिए रवाना हुए, इसके बाद मंगलवार 20 तारीख़ को सुबह दस बजे हरिद्वार पहुंचकर निर्धन धर्मशाला में रहे। अगली सुबह इन्होंने दून की बस पकड़ी और ग्यारह बजे सुबह आईएसबीटी पहुँचे। उसी दोपहर इन सभी ने इस्ले हॉल पर खड़ी काले रंग की फ़ोर्ड एण्डीवेयर का कांच तोड़कर उसमें रखा बैग उडाया। उसके बाद वह सभी ऑटो से गांधी रोड पहुंचे जहाँ उन्होंने दूसरी चोरी की उसके बाद राजपुर फिर जाखन व सुभाष रोड में खड़ी गाड़ियों से सामान उड़ाया। डालनवाला, राजपुर व कोतवाली नगर में दर्ज इन चोरियों के मामलों में पुलिस ने इनसे लेनोवो का लैपटॉप, मोबाइल नोट 2, सोनी का कैमरा जैसे सामान बरामद किये। बरामद किये गए सामान की कीमत ढाई लाख रूपए बताई गयी है। इसके अलावा इन्होंने बताया कि एक वर्ष पहले भी इन्होंने चेन्नई, आगरा,दिल्ली, हरियाणा, चंडीगढ़, लुधियाना, अमृतसर जैसे शहरों में चोरी की थी। इसके अलावा इन्होंने उत्तराखंड के रुड़की हरिद्वार में ऐसी ही घटना को पहले भी अंजाम दिया है। यह सभी देश के अलग अलग राज्यों में बस व ट्रेन से सफ़र करते है व इन चोरियों को अंजाम देते है। इन्होंने बताया कि चोरियों से मिले सामान को आपस में बाँट लेते है व तमिलनाडु जाकर बेच देते है। पुलिस ने इन सभी अभियुक्तों को गिरफ्तार कर अलग-अलग चोरी के मुक़दमे दर्ज कर लिया है ।एसएसपी निवेदिता ने पुलिस द्वारा छत्तीस घंटे में किये इस खुलासे में सभी पुलिसवालों को बधाई देते हुए 2500 रुपए नकद इनाम की घोषणा की है।

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चोरी का तरीका
पकडे गए अभियुक्तों ने बताया कि वह तुच्चि जनपद के अलग अलग क्षेत्र के रहने वाले है व बाल बच्चों वाले है। यह सभी बहुत ही गरीब परिवार से आते है इसलिए दीपू ने जब इनसे चोरी की बात कही तो यह सभी उसकी बातों में आ गए। इन्होंने बताया की दीपू ने हेयर क्लिप व रबर बैंड की मदद से गुलेल बनायी व लोहे की छोटी छोटी गोलियों से कांच पर निशाना लगाना सिखाया। 2 हज़ार रुपए व सामान में हिस्सा देने की बात कहकर दीपू इन सभी को तमिलनाडु से शहर लाता था। खाली गाड़ी देख कर इनमे से एक गाड़ी के अंदर रखे सामना देखता था फिर उनमे से 4 लोग उसके आस पास निगरानी करते थे और बाकि 4 लोग रबर बंद और क्लिप की मदद से कांच तोड़ कर सामान उड़ाया करते थे।

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