नई टिहरी (संवाददाता)। एकीकृत आजीविका सहयोग परियोजना के तत्वाधान में जल संरक्षण एवं संवर्धन को बढ़ावा देने के लिए जल संचय-जीवन संचय विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में चंबा और जौनपुर ब्लॉक की करीब 250 महिलाओं ने प्रतिभाग किया। मंगलवार को चंबा में आयोजित कार्यशाला में डीएम डॉ. वी षणमुगम ने कहा कि वर्षा जल का संरक्षण करना हमारे लिए बेहद आवश्यक है क्योंकि भूमिगत जल का स्तर निरंतर कम होता जा रहा है, जिससे पारम्परिक जल स्रोत भी सूख रहे हैं। कहा यदि हम जल संरक्षण एवं संवर्धन को लेकर अभी नहीं चेते तो भविष्य में इसके गंभीर दुष्परिणाम होंगे। कहा पहाड़ की अधिकांश महिलाएं जमीन और जंगल से जुड़ी हैं वे वर्षा जल के संरक्षण और जल स्रोतो को जीवित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। कार्यशाला में जल निगम, जल संस्थान, सिंचाई, कृषि, उद्यान, एकीकृत आजीविका परियोजना, जलागम के अधिकारियों ने फेज-2 के अन्तर्गत जिले में किये जा रहे जल संरक्षण एवं संर्वधन कार्यों की महिलाओं को जानकारी दी। इस मौके पर उद्यान अधिकारी डीके तिवारी, ईई जल संस्थान सतीश चन्द्र नौटियाल, हीरा वल्लभ पंत, कीर्ति कुमारी, बीडीओ मान सिंह राणा आदि उपस्थित थे।
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