
भारत को नहीं चाहिएं
नक्सली उग्रवादियों के देवता
लेनिन माओ और स्तालिन।
भारत को नहीं चाहिएं
लेनिन माओ और हिटलर
ये कथित विचारधाराओं के आतंकवादी
इस्लामिक स्टेट वाले आतंकवादियों के जनक हैं
जिन्हे त्रिपुरा में लेनिन की मूतिर्यों के गिराए जाने पर
सदमा पहुँचा है इस कदर
जिन्हे पिछले पच्चीस सालों से
रामलला के तिरपाल की छाँव में
फुटपाथ के बेचारे भिखारियों की तरह
शरण लेने पर हया शर्म लाज नहीं आती
वे तुरन्त यह देश छोड़कर चले जाएं
रूस चीन और नार्थ कोरिया या पाकिस्तान
इस देश में खून से सने लाल हँसिया हथौड़ी छपासी झंडे वालो
नक्सली वामपंथियों के लिये यहां कोई जगह नहीं
रहा वामपंथियों के कुतर्क का सवाल
भगत सिंह ने फाँसी से पहले पढ़ी थी लेनिन की किताब
तो सुन लीजिए और पढ़ लीजिये
महात्मा गाँधी पंडित नेहरू और सुभाष चन्द्र बोस
जैसी विभूतियों ने भी पढ़ा लेनिन को
करोड़ो विद्यार्थी पढ़ते हैं लेनिन को दुनिया में
क्या ये सब लेनिन जैसे लाखों का कत्ल करने वाले को
आदर्थ मान लें बगदादी को अपना लें हाफिज सईद को सलामी दें
वामंपथियो मुझे तुम्हारी सोच-समझ की कंगाली पर
तरस आ रहा है भारत की छाती पर मूँग दल रहे परदेशियो
महात्मा गाँधी की लेनिन से तुलना करने वालो
पहले पढ़ो-लिखो सीखो तब मुँह खोलो ज़ाहिलो।
Virendra Dev Gaur
Chief Editor (NWN)
National Warta News