
कवि मन ज़रा बताओ सच-सच
श्री देव सुमन को जानते हो
धूर्त ब्रिटिशों के गुलाम भारत में
टिहरी रियासत के गुजरे बर्बर वजूद को मानते हो
हाँ अगर तुम
श्री देव सुमन के गाँधीवादी दधीचि से भी बढ़कर
पूरे विश्व में अतुलनीय त्याग को
ज़रा सा भी समझ सके हो तो
क्या उत्तराखंड के इस स्वाधीनता सेनानी के
प्रेरक आदर्शों को मौजूदा पीढ़ियों तक पहुँचाओगे।
कवि मन ज़रा बताओ सच-सच
दधीचि से भी बढ़कर रहे टिहरी गढ़वाल में
जौल गाँव के बड़ोनी परिवार में जन्मे अमर युवा
युग श्रेष्ठ मन को तुम गा पाओगे
क्या तुम श्री देव सुमन के अमर गीतों को
मौजूदा पीढ़ियों तक पहुँचा पाओगे।
मौजूदा पीढ़ियों को झिंझोड़ो हे कवि मन
ताकि वे भावी पीढ़ियों को बता पावें
कैसे सच को जीवित रखने की खातिर
श्री देव सुमन ने राजा की काल-कोठरी में
अपने हाथों चौरासी दिन और चौरासी रात
अपनी काया को दिये की बाती की तरह
सत्याग्रह के तेल में तिल-तिल जला डाला था।
बताओ बेचैन मन बताओ
बताकर ही तुम चैन पाओगे
श्री देव सुमन के ‘‘पुण्य प्रकाश पुंज’’ को
अँधियारे मनों तक कब पहुँचाओगे।
Virendra Dev Gaur (Veer Jhuggiwala)
Chief Editor (NWN)
National Warta News