
तीन लोगों का ‘कुछ-कुछ’ वार्तालाप
सामाजिक-दूरी के बन्धन वाले इस कलियुग में 
एक बड़ी वजह लेकर बच्चन जी आए देहरादून 
आ पहुँचे वहाँ जहाँ विराजे थे अनिल रतूड़ी और उत्पल कुमार
बोले बन्धुओ, लाया हूँ मैं दस करोड़ की इमदाद
कुछ मेरी ओर से कुछ सचिन की ओर से बस यही है मुझको याद 
कितना आपका कितना उनका, मान्यवर यह तो बताते जाओ
क्या होता है इनका-उनका मुसीबत की घड़ी में बताओ 
हम दोनों की जानकारी के लिए ही सही प्रभो कुछ तो बताओ 
छोड़ो ये बाते गरीबों पर यह पूरा धन खुलकर लगाओ 
हाँ, कुछ आठ-दस मुम्बई के बड़े लोग घर पर आए थे
वे भी कुछ-कुछ धन साथ लाए थे
इतना कह कर बोले बच्चन बन्धुओ लॉक कर दिया जाए
तुम्हारी भाभी जया जी राह तकती होंगी अब वापस निकला जाए।
धन्यवाद।                   सावित्री पुत्र वीर झुग्गीवाला, देहरादून
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