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गौठानों में पशुओं के लिए चारा, पानी और छाया की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए: बघेल

-अधिकारी गौठानों का करें दौरा, गौठान समितियों की बैठकें आयोजित की जाए

-मुख्यमंत्री ने गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों को ४.४० करोड़ रूपए की राशि ऑनलाईन अंतरित की

-पंचायतों के आश्रित गांवों में मांग के अनुरूप दी जाए गौठानों की स्वीकृति

रायपुर (जनसंपर्क विभाग)। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ के १० हजार से अधिक गौठानों में गर्मी को देखते हुए पशुओं के लिए चारा पानी और छाया की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल ने राज्य के सभी कलेक्टरों और जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को गौठानों का भ्रमण कर वहां पैरा के साथ ही हरे चारे, शेड और पानी की व्यवस्था कराने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि पंचायतों के आश्रित गांवों में भी मांग अनुसार गौठान की स्वीकृति दी जाए। मुख्यमंत्री  बघेल ने आज यहां उनके निवास कार्यालय में आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में गोधन न्याय योजना के तहत् से पशुपालक ग्रामीणों, गौठानों से जुड़ी महिला समूहों और गौठान समितियों को ४ करोड़ ४० लाख रूपए की राशि ऑनलाइन अंतरण समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि गौठान में होने वाली आर्थिक गतिविधियों के संचालन के लिए अनिवार्य रूप से गौठान समितियों की बैठक करायी जाए। मुख्यमंत्री ने इस बात पर प्रसन्नता जाहिर कि राज्य के आधे से अधिक गौठान स्वावलंबी हो चुके हैं। उन्होंने गर्मी के मौसम को देखते हुए कहा कि नहरों से तलाबों में पानी भरने का काम त्वरित गति से करें, जिससे पानी की उपलब्धता रहेगी और जल स्तर बढ़ेगा। कार्यक्रम को कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने भी संबोधित किया। गौरतलब है कि प्रदेश की ११ हजार पंचायतों में १० हजार ६ सौ नब्बे गौठान स्वीकृत हुए हैं। जिसमें से १० हजार से अधिक गौठान पूर्ण हो गये हैं। इन गौठानों में ५ हजार ३ सौ ९८ गौठान स्वावलंबी हो गये हैं, जिनके द्वारा गोबर खरीदने के लिए ५० करोड़ ८२ लाख रूपये की सहायता दी गई है। एक अप्रैल से १५ अप्रैल तक गौठानों में कुल १.३० लाख क्विंटल गोबर की खरीदी हुई है। जिसके एवज में गोबर विक्रेताओं को अंतरित की जाने वाली २.५९ करोड़ रूपए की राशि में से १.२४ करोड़ की राशि कृषि विभाग द्वारा तथा १.६७ करोड़ रूपए का भुगतान स्वावलंबी गौठानों द्वारा किया गया है। प्रदेश के ४९ गौठानों में गोबर से पेंट तैयार करने की इकाई स्वीकृत की गई है जिसमें से ३४ इकाईयां की स्थापना की जा चुकी है। ३२ इकाई मेें पेंट का उत्पादन किया जा रहा है। इन इकाईयों से ८७ हजार ८ सौ २७ लीटर पेंट की उत्पादन किया गया है तथा ४७ हजार ५ सौ ४७ लीटर पेंट के बिक्री से ९७.०८ लाख रूपये की आय अर्जित की गई है। राज्य के ३३ जिलों के गौठानों में २०.२० लाख क्विंटल पैरा और ७ हजार ८ सौ ५९ गौठानों में पानी की व्यवस्था की गई है। गोधन न्याय योजना के तहत राज्य में हितग्राहियों को अब तक लगभग ४३९ करोड़ ७३ लाख रूपए का भुगतान किया जा चुका है। राज्य में १५ अप्रैल २०२३ तक गौठानों में ११२.३४ लाख क्विंटल गोबर की खरीदी की गई है। गोबर विक्रेताओं से आज की राशि अंतरण के पश्चात क्रय किए गए गोबर के एवज में २२४ करोड़ ६८ लाख रूपए का भुगतान किया जा चुका है। वहीं गौठान समितियों एवं महिला स्व-सहायता समूहों को आज किये गये १.८१ करोड़ रूपए के भुगतान के बाद १९२.६५ करोड़ रूपए की राशि दी जा चुकी है। इस अवसर पर वर्चुअल रूप से वन मंत्री मोहम्मद अकबर, स्कूल शिक्षा प्रेमसाय सिंह टेकाम एवं कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा एवम विनोद वर्मा, छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम के अध्यक्ष  गिरीश देवांगन, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव  सुब्रत साहू, कृषि उत्पादन आयुक्त कमलप्रीत सिंह अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।


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