बीते दिवस उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरिद्वार में काँवड़ियों पर पुष्प वर्षा की। इस पुष्प वर्षा का मतलब है हार्दिक स्वागत। गंगा के किनारे उपस्थित काँवड़ियों में यह देखकर हर्ष की लहर दौड़ गयी। गड़गड़ करते हेलीकॉप्टर जब पुष्प वर्षा कर रहे थे तब काँवड़िए हर-हर महादेव की जयकारे गुंजायमान कर रहे थे। इसमें दो राय नहीं कि काँवड़ियों को इस स्वातगत से नैतिक बल मिला और उनके अन्दर राज्य के लोगों के प्रति सम्मान की भावना पैदा हुई। सावन के महीने में हरिद्वार कांवड़ियों का मेला स्थल बन जाता है। देश के भिन्न-भिन्न हिस्सों से काँवड़िए हरिद्वार आते हैं और हरिद्वार आकर माँ गंगा में पावन डुबकी लगाते हैं और गंगा जल लेकर अपने-अपने मन पसन्द के शिवालयों में बाबा भोलेनाथ का जलाभिषेक करते हैं। भोले के भक्त ये काँवड़िए माँ गंगा की पूजा अर्चना करते हैं। माँ गंगा की पूजा के साथ-साथ गणेश पूजन भी करते हैं। इस गणेश पूजन को काँवड़िए शिव आराधना का हिस्सा मानते हैं। काँवड़िए अपनी-अपनी श्रद्धा के हिसाब से काँवड़ यात्रा में भाग लेते हैं। अधिकतर काँवड़िए पैदल चल कर भोले बाबा के प्रति गहरी श्रद्धा प्रकट करते हैं। अन्य काँवड़िए अपने निजी वाहनों का प्रयोग करते हैं। कई काँवड़िए ऐसे भी होते हैं जो बिना जूता चप्पल पैदल काँवड़ धारण कर माँ गंगा के दर्शन करने आते हैं। यह बेजोड़ परम्परा धार्मिक होने के साथ-साथ सांस्कृतिक भी होती है। यह सिलसिला करीब माह भर चलता है। काँवड़ियों की इस यात्रा से पूरे सावन के माह चहल-पहल रहती है। इनका जोशोखरोश देखते ही बनता है। उत्तर प्रदेश सरकार ने भी काँवड़ियों के लिए विशेष प्रबन्ध कर रखे हैं। ताकि काँवड़ियों की यात्रा में व्यवधान ना खड़े हों। उत्तराखण्ड की सरकार भी काँवड़ियों की सुरक्षा के लिए तत्पर है।