नई दिल्ली (संवाददाता) । केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज एक महत्वपूर्ण निर्णय की जानकारी दी है, जिसमें गैर-बासमती चावल के निर्यात को खोलने और न्यूनतम निर्यात मूल्य के निर्धारण को मंजूरी दी गई है।
गैर-बासमती सफेद चावल पर 490 डॉलर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य तय किया गया है, जबकि परबॉइल्ड और ब्राउन चावल पर शुल्क 20त्न से घटाकर 10त्न कर दिया गया है। यह निर्णय चावल उत्पादक किसानों के आर्थिक सुदृढ़ीकरण की दिशा में बड़ा कदम है, जिससे किसान अब न्यूनतम निर्धारित मूल्य से अधिक कीमत पर अपनी उपज का निर्यात कर सकेंगे।
इसके अलावा, खाद्य तेलों के आयात शुल्क को बढ़ाकर 20त्न और रिफाइंड तेल पर मूल शुल्क को 32.5त्न करने का निर्णय लिया गया है, जिससे सोयाबीन, सूरजमुखी और मूंगफली उत्पादक किसानों को आर्थिक लाभ होगा। प्याज पर निर्यात शुल्क को 40त्न से घटाकर 20त्न किया गया है, जिससे प्याज उत्पादक किसानों को बेहतर दाम मिल सकेंगे।
बासमती चावल पर भी न्यूनतम निर्यात मूल्य समाप्त करने से किसान अधिक मुनाफा कमा सकेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि उत्पादकता को बढ़ाने के लिए 61 फसलों की 109 किस्में किसानों को समर्पित की हैं।
केंद्रीय कृषि मंत्री ने तुअर, उड़द और मसूर उत्पादक किसानों के लिए 100त्न खरीद का आश्वासन दिया है। सरकार का लक्ष्य वर्ष 2025-26 तक दलहनी फसलों के क्षेत्र विस्तार और 2027-28 तक आत्मनिर्भरता प्राप्त करना है। इस निर्णय से किसानों को आर्थिक सहायता मिलने के साथ ही उनकी उत्पादन क्षमता में भी सुधार होगा।
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