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उत्तराखण्ड में धर्माटन और पर्यटन प्रसार

-वीरेन्द्र देव गौड़ एवं एम एस चौहान

 

उत्तराखण्ड सरकार हेलीकॉप्टर सेवा का विस्तार कर रही है। हेलीकॉप्टर सेवा विस्तार से राज्य के सुप्रसिद्ध धामों को और अधिक प्रसिद्धि मिलेगी। कई लोग धर्माटन के प्रबल इच्छुक होते हैं लेकिन हवाई सेवाओं के ना होने से इस धर्माटन का लाभ नहीं उठा पाते हैं। वैसे भी हेलीकॉप्टर सेवा से समय की बचत होती है। कई श्रद्धालु समय बचाने को बहुत अधिक प्राथमिकता देते हैं। इसके अलावा स्वास्थ्य कारणों से भी हेली सेवा फायदेमंद रहती है। 21वीं सदी के भारत में हेली सेवाओं का विस्तार बहुत जरूरी है। धर्माटन और पर्यटन के लिए यह सेवा बहुत कारगर है। उत्तराखण्ड राज्य में पर्यटन और धर्माटन की संभावनाएं बहुत अधिक हैं। इसका भरपूर लाभ उठाया जाए तो राज्य को आर्थिक लाभ होगा। इस बार बदरी धाम और केदार धाम में आए धर्माटकों की संख्या कीर्तिमान स्थापित कर चुकी है। इस कीर्तिमान से भी आगे बढ़ने की जरूरत है। सड़क परिवहन से यह कर पाना संभव नहीं है। इसीलिए राज्य सरकार सड़क परिवहन सुधार के साथ-साथ हेली सेवाओं का विस्तार कर रही है और जगह-जगह रोपवे बना कर पर्यटकों और धर्माटकों को सुविधा देने पर जोर दे रही है। उत्तराखण्ड के आर्थिक विकास के लिए पलायन पर अंकुश लगना आवश्यक है। पलायन पर तभी अंकुश लगेगा जब पर्यटन और धर्माटन का खूब विस्तार हो जाएगा। पर्यटन और धर्माटन में बढ़ोत्तरी के साथ स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार होना बहुत आवश्यक है। स्वास्थ्य सेवाएं और शिक्षा सेवाएं अभी विकसित होनी बाकी हैं। यही है उत्तराखण्ड की सबसे बड़ी कमजोरी। पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर हेली सेवाओं के विस्तार पर काम कर रहे हैं। शिक्षा विभाग और स्वास्थ्य विभाग को भी अपना काम करना चाहिए। तभी राज्य में पर्यटन और धर्माटन का समग्र विकास होगा। पलायन चलता रहा तो समग्र विकास कदापि संभव नहीं।


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