
नई दिल्ली । सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) अपने कर्मचारियों को शोक मनाने के लिए छुट्टी देने जा रहा है। ऐसा पहली बार हुआ है कि भारत में पब्लिक सेक्टर का कोई बैंक अपने कर्मचारियों की ऐसी छुट्टी देगा। एसबीआई के फैसले का मतलब यह है कि अगर किसी कर्मचारी के परिवार के किसी सदस्य की मौत हो जाती है तो अब कर्मचारी छुट्टी ले पाएंगे। इस नियम के तहत 7 दिनों की छुट्टी ली जा सकेगी और यह पेड लीव होगी। इसके अलावा एसबीआई अपने कर्मचारियों को और भी सुविधाएं देने जा रहा है। एसबीआई के मैनेजिंग डायरेक्टर प्रशांत कुमार ने कहा, बैंक 20,000 रुपये तक के मासिक पेंशन उठाने वाले रिटायर्ड कर्मियों को मेडिक्लेम के प्रीमियम में 75 प्रतिशत की सब्सिडी भी देगा। 20,000 से 30,000 तक की पेंशन उठाने वाले रिटायर्ड कर्मियों को मेडिक्लेम प्रीमियम में 60 फीसदी की छूट दी जाएगी। एसबीआई कर्मचारियों के परिवार का मेडिक्लेम कवर 75 फीसदी से बढ़ाकर 100 फीसदी कर दिया गया है। प्रशांत ने आगे बताया, हम मल्टिनैशनल कंपनियों में लागू छुट्टी के नियमों को फॉलो कर रहे हैं। इससे एंप्लॉयीज को दुख की घड़ी में अपने परिवार के साथ समय बिताने का मौका मिलेगा। नियम के अनुसार परिवार के दायरे में पत्नी, पैरंट्स, सास-ससुर और बच्चे आएंगे। छुट्टी लेने के लिए परिवार के सदस्य का डिपेंडेंट होना जरूरी नहीं है। शोक की स्थिति में ऐसी छुट्टी का लाभ बैंक के स्थायी और अस्थायी दोनों तरह के कर्मचारी उठा सकते हैं। एक अंगे्रजी अखबार ने कुछ दिन पहले रिपोर्ट किया था कि देश में कई कंपनियां फेसबुक द्वारा लागू की गई इस तरह की छुट्टी के नियम को फॉलो कर रहीं हैं। साल 2015 में फेसबुक के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर सैंडबर्ग के पति के निधन पर पर 20 दिन का शोक अवकाश देने की घोषणा की गई थी। टीसीएस, सिप्ला जैसी कई कंपनियां पहले ही इस तरह की छुट्टियां अपने कर्मचारियों को दे रहीं हैं।
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