
उत्तराखंड में दो लाख मतदाता अस्तित्वहीन हैं। इस बार निर्वाचन कार्यालय ने बूथ-दर-बूथ सर्वेक्षण करके इनके नामों की सूचना दी है। निर्वाचन कार्यालय ने सभी को नोटिस भेजा है। उधर, राज्य में मतदाताओं की कुल संख्या 24067 है।
शुक्रवार को विशेष पुनरीक्षण के बाद मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. वी षणमुगम ने प्रेस वार्ता में मतदाताओं, मतदेय स्थलों और अन्य मुद्दों से संबंधित जानकारी दी। उनका कहना था कि 27 जनवरी को प्रदेश में 81,67,568 लोगों ने मतदान किया, जिसमें 42,35,953 पुरुष, 39,31,320 महिलाएं और 295 ट्रांसजेंडर शामिल थे। 27 अक्तूबर को जारी आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश में 42,18,089 पुरुष, 39,25,143 महिला और 269 ट्रांसजेंडर मतदाता हैं।
बूथ-बूथ में इस बार निर्वाचन कार्यालय ने घर-घर सर्वेक्षण कराया। इसके लिए खास टीम बनाई गई थीं। 1,91,376 मतदाता सर्वे के दौरान गायब मिले। आसपास के गांवों और लोगों ने उनके नहीं होने की सूचना दी। निर्वाचन कार्यालय ने सभी को नोटिस भेजा है। उन्हें सात दिन में उत्तर देना होगा। बाद में एसडीएम या एईआरओ इनका निस्तारण करेंगे। मतदान अभियान जारी है। बूथ पर चार, पांच, २५ और २६ नवंबर को मतदाता बनाने का विशेष अभियान चलेगा। अगले वर्ष पांच जनवरी को अंतिम मतदाता सूची जारी की जाएगी। यह सूची लोकसभा चुनावों का आधार होगी।
किस जिले में कितने मतदाता गायब
उत्तरकाशी- 5,969
चमोली- 8,889
रुद्रप्रयाग- 5,354
टिहरी गढ़वाल- 14,670
देहरादून- 25,682
हरिद्वार- 26,944
पौड़ी गढ़वाल- 16,851
पिथौरागढ़- 8,291
बागेश्वर- 10,321
अल्मोड़ा- 15,172
चंपावत- 8,699
नैनीताल- 17,677
ऊधमसिंह नगर- 26,857
यमकेश्वर के लालढांग बूथ पर सबसे कम 07 लोगों ने मतदान किया
हरिद्वार के सलेमपुर महबूद के विजडम इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल में प्रदेश में सबसे अधिक 1383 मतदाता हैं, जबकि पौड़ी गढ़वाल की यमकेश्वर विधानसभा के रेंज कार्यालय, लालढांग में सबसे कम सात मतदाता हैं। जनवरी के 11,647 से निर्वाचन कार्यालय ने 11,729 मतदान स्थलों की संख्या बढ़ा दी है।