
सावित्री पुत्र वीर झुग्गीवाला द्वारा रचित-
Virendra Dev Gaur Chief Editor (NWN)
सुप्रीम कोर्ट के माननीय जजों को
समझ में नहीं आ रही बात
आप लोग होंगे संविधान के रखवाले
किंतु श्री राम मन्दिर निर्माण के बिना
नहीं खत्म होगी महाराज
पाँच सौ साल लम्बी काली रात।
कानून की पेचीदगियाँ
बेहतर समझते होंगे शायद आप लोग
किंतु इतिहास की गहराइयाँ
नाप नहीं सकोगे आप लोग।
हँसी आए
तो हँस लेना,
किन्तु केवल एक बार
पृथ्वीराज चौहान के दिल्ली-अजमेर शासन से लेकर
सन् 1994 तक का भारत का इतिहास
ज़रूर ईमानदारी से पढ़ लेना
राम भक्तों का दर्द और बेशुमार आक्रोश
थोड़ा दुराग्रह छोड़कर पढ़-समझ लेना।
इतिहास की ये लम्बी चौड़ी वीरान कब्रगाह
कदाचित आप लोगों को कर दे आगाह
ले सकें शायद आप लोग इतिहास की थोड़ा थाह
और अगर नहीं है ऐसी कोई चाह
तो एक दिन सामाजिक ताना-बाना
हो जाएगा एक बार फिर तबाह।
एक मोदी और एक योगी जी तो क्या
पूरी कायनात देखती रह जाएगी
बापू के देश में फिर तबाही आएगी
अभी समय है सुप्रीम कोर्ट के माननीयो
मत टालो यह मुद्दा गैर-ज़रूरी समझकर
आर-पार कर दो इसे दुनिया का सबसे बड़ा मसला मानकर।
इसे कोरी भावुकता न समझ ले कोई
यह इतिहास और वर्तमान का निचोड़ है
पाँच सौ सालों का धीरज और इन्तजार
हजारों सालों में बेजोड़ है।
-इति
National Warta News