कानपुर। फर्रुखाबाद की ओर से कानपुर आ रही उदयपुर सिटी-कामाख्या एक्सप्रेस ट्रेन नौ किलो मीटर बिना गार्ड के चलती रही। एएसएम के जरिए बिल्हौर स्टेशन मास्टर को सूचना दी गई। इसके बाद गार्ड एके सिंह स्कूटी से बिल्हौर स्टेशन आकर ट्रेन पर सवार हुआ। इस मामले को रेलवे ने गंभीरता से लिया है और जांच के लिए उच्चस्तरीय कमेटी गठित कर दी है। मंगलवार की सुबह लगभग 10ः18 बजे दो ट्रेनों के क्रास की वजह से उदयपुर सिटी-कामाख्या एक्सप्रेस ट्रेन अरौल रेलवे स्टेशन पर खड़ी हुई। दूसरी गाड़ी का क्रास होने के बाद रेलवे स्टेशन पर मौजूद गार्ड ने हरी झंडी दिखाकर ट्रेन को चलने का इशारा किया। इस पर कामाख्या एक्सप्रेस के चालक ने ट्रेन आगे बढ़ा दी। ट्रेन रुकने पर गार्ड एके सिंह ने चालक को केबिन से उतरने की सूचना नहीं दी थी। गार्ड जब तक वापस पहुंचता, तब तक कामाख्या एक्सप्रेस प्लेटफार्म छोड़ चुकी थी। ट्रेन छूटने पर गार्ड ने आनन फानन स्टेशन मास्टर को सूचना दी। स्टेशन मास्टर ने बिल्हौर रेलवे स्टेशन को सूचना दी। गार्ड स्कूटी लेकर बिल्हौर रेलवे स्टेशन पहुंचा। बिल्हौर स्टेशन पर गार्ड ने बताया कि उनको अचानक उल्टी आ गई थी। मुंह धोकर दौड़ा तो ट्रेन स्पीड पकड़ चुकी थी। इस प्रकरण को रेलवे ने चूक माना है। लापरवाही की जानकारी कराने के लिए जांच के आदेश दे दिए हैं। इज्जतनगर मंडल के पीआरओ राजेंद्र सिंह ने बताया कि बिना गार्ड के ट्रेन चलने की घटना संरक्षा में बड़ी चूक है। किस वजह से ऐसा हुआ है, इसके लिए जांच के आदेश दे दिए गए हैं। एक-दो दिनों में रिपोर्ट आएगी औऱ जिसने भी लापरवाही की होगी, उसके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई होगी।
 
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