
देहरादून (संवाददाता)। उत्तराखंड के करीब 400 अशासकीय स्कूलों में वेतन का संकट गहरा गया है। सरकार से ग्रांट मंजूर नहीं होने और एकीकृत वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (आईएफएमएस) में देरी के कारण यह संकट खड़ा हुआ है। इनमें अब तक मार्च का वेतन भी जारी नहीं हो पाया है। माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल शर्मा ने सरकार से बजट जारी कर जल्द भुगतान की मांग की है। शर्मा ने कहा कि यदि दो-दो महीने तक वेतन नहीं मिलेगा तो शिक्षक अपना घर परिवार कैसे चलाएंगे ? राज्य में अशासकीय सहायता प्राप्त स्कूलों की संख्या 400 के करीब है। इनमें तीन हजार के करीब शिक्षक और कर्मचारी कार्यरत हैं। इनके वेतन व अन्य मदों का बजट सरकारी स्कूलों अलग जारी होता है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अशासकीय स्कूलों की ग्रांट जारी होनी अभी बाकी है। इसके जारी होने पर ही जिलावार जारी कर दिया जाएगा। पर, इस प्रक्रिया में भी कम से कम दस दिन का वक्त और लग सकता है। शिक्षकों का कहना है कि वेतन भुगतान में देरी पहली बार नहीं हो रही बल्कि, अक्सर ही ऐसा हो रहा है। माध्यमिक शिक्षक संघ के जिला मंत्री अनिल नौटियाल ने कहा कि शैक्षिक रिकार्ड के लिहाज से भी अशासकीय स्कूल हमेशा आगे रहते हैं। यदि सरकार इनके शिक्षक-कर्मियों को तय समय पर वेतन व अन्य अनिवार्य सुविधाएं दे तो और भी बेहतर परिणाम आ सकते हैं।
National Warta News