आओ, अतुल के संस्मरणों के रिमझिम सावन में धीरे-धीरे भीग जाएं। आओ, इस बरखा-बहार में नहा लें। मेहनत-कसरत और अनुभव अतुल के उनके साथ जिन्हें हमने-आपने पढ़ा। जिन्हें , हमने आपने सराहा और पूजा। वे साहित्य जगत की पावन विभूतियाँ जिन्हें हम उनके चित्रों से देखते-समझते हैं। उनके साथ अतुल …
Read More »उपन्यास- दृश्य अदृश्य-डॉ अतुल शर्मा
उपन्यासकार-डॉ अतुल शर्मा हर प्रदेश की अपनी धरोहर होती है। अपनी संस्कृति होती है। अपनी धड़कने होती हैं। इन धड़कनों को जो चलाते हैं वे समाज के रक्त कण होते हैं। फिर, रक्त का रंग कुछ भी क्यों न हो। मतलब यह है कि प्रदेश की धड़कनों में एक नहीं …
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