जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने बुधवार को नाराजगी जताई कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने ज्ञानवापी परिसर की सर्वे रिपोर्ट दाखिल करने के लिए तीन सप्ताह का समय मांगा है। गवर्निंग कौंसिल ने जिला जज की अदालत से पूछा कि आखिर रिपोर्ट देने में देरी क्यों हो रही है? AISI के अधिकारियों से बात करके स्पष्ट करें और देरी का कारण भी बताएं। दूसरी ओर, अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी ने भी अपनी नाराज़गी व्यक्त की है। मामले की सुनवाई के बाद अदालत ने बृहस्पतिवार को आदेश देने के लिए पत्रावली सुरक्षित कर ली है।
ज्ञानवापी परिसर की सर्वे रिपोर्ट को अदालत में प्रस्तुत करने के लिए एएसआई ने मंगलवार को तीसरी बार अतिरिक्त समय की मांग की। यह बुधवार को जिला जज की अदालत में पेश किया गया था। जिला जज की अदालत ने नाराज़गी जताई और बार-बार समय बढ़ाने का क्या मतलब है।सरकारी कौंसिल एक बार अधिकारियों से मिलकर पूरी स्थिति को समझाए। गवर्निंग कौंसिल ने हालांकि आवेदन में दिए गए तर्कों का हवाला रखा। उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण में पुरातत्वविदों, पुरालेखविदों, रसायनज्ञों, सर्वेक्षणकर्ताओं, भू-भौतिकी विशेषज्ञों आदि ने महत्वपूर्ण साक्ष्य प्राप्त किया है। रिपोर्ट बन रही है। डेटा बनाया जा रहा है। GPR तकनीक से सर्वे की रिपोर्ट बनाने में समय लगेगा।
ASI विशेषज्ञ निरंतर काम कर रहे हैं। मसाजिद कमेटी ने पहले बार-बार समय बढ़ाने की मांग पर आपत्ति जताई और इस आवेदन को खारिज करने की मांग की। इस मामले में बृहस्पतिवार को अदालत आदेश दे सकती है।