
नई टिहरी (संवाददाता)। देवप्रयाग ब्लॉक में पहली बार ब्लॉक प्रमुख की सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हुई है। अभी तक इस पद पर समान्य वर्ग के लोग ही ब्लॉक प्रमुख चुनकर आते रहे हैं। प्रमुख पद अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित होने से अन्य वर्ग के लोगों को झटका लगा है। कई लोग इस पद के लिए लंबे समय से तैयारियों में जुटे थे। देवप्रयाग ब्लॉक का वर्ष 1960 में गठन होने के बाद गोविंद प्रसाद गैरोला देवप्रयाग के पहले ब्लॉक प्रमुख बने। करीब 14 वर्षों तक प्रमुख रहने के बाद उन्होंने देवप्रयाग विधानसभा सीट से विधायक का चुनाव जीतकर देवप्रयाग के विधायक बने। मई 1974 में अधिवक्ता हुकुम चंद देवप्रयाग के ब्लॉक प्रमुख बने। जून 1983 में जाने-माने समाज सेवी राम सिंह चौहान प्रमुख चुने गए। महज चार माह बाद उनकी बस दुर्घटना में आकस्मिक मौत हो गई। उनके बाद नारायण सिंह रौथाण ने सितंबर 1988 कार्यवाहक प्रमुख का पदभार संभाला। 1988 से 1996 तक कल्याण सिंह चौहान दो बार देवप्रयाग के प्रमुख रहे। राज्य गठन के बाद मगन सिंह बिष्ट वर्ष 2003 में देवप्रयाग के ब्लॉक प्रमुख चुने गए। 2008 में कुसुम सजवाण देवप्रयाग की पहली महिला ब्लॉक प्रमुख बनी। निवर्तमान ब्लॉक प्रमुख जयपाल पंवार वर्ष 2014 में देवप्रयाग के प्रमुख चुने गए। नई आरक्षण सूची जारी होने के बाद देवप्रयाग ब्लॉक से पहली बार अनुसूचित वर्ग का प्रमुख चुना जाएगा। उक्त पद के लिए जिन लोगों की प्रबल दावेदारी मानी जा रही थी उनमे से अधिकांश नए पंचायती एक्ट के चलते ब्लॉक प्रमुख की दौड़ से बाहर हो गए है। ऐसे में ब्लॉक प्रमुख पद पर नए चेहरों की उतरने की संभावनाएं बढ़ गई है।
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