निर्मला सीतारमण का राष्ट्रव्यापी बजट
इस समय लगभग 11.30 बजा है (भारतीय समय के अनुसार) लेकिन निर्मला जी की बजट ट्रेन धड़धड़ाती हुई आगे बढ़ रही है। यह बजट विकास की दर को 9 अंक से ऊपर आँक रहा है। इस संभावना को नकारने का कोई कारण नजर नहीं आता। जिस तरह बजट को मजबूती से व्यापक आधार देने की कोशिश की जा रही है इसे क्रांतिकारी कदम माना जा सकता है। अर्थ व्यवस्था के कमोबेश सभी क्षेत्रों में युद्ध स्तर पर काम चल रहा है। जिस बजट की घोषणा सदन में चल रही है वह सबके प्रयास को प्रतिबिंबित का रहा है। सदन में घोषणा चल रही है कि प्रधानमंत्री गतिशक्ति योजना के तहत अर्थव्यवस्था को तेजगति दी जानी है। जिसके तहत 100 नये गतिशक्ति कार्गो टर्मिनल स्थापित होने जा रहे हैं। नेशनल रोपवे बनाये जाने वाले हैं ताकि आवागमन बेहतर हो तथा पर्यटन को भी बढ़ावा मिले। 400 नई वंदे मातरम ट्रेन चलायी जा जाएंगी। छोटे किसानों और छोटे व्यापारियों को लाभान्वित करने के लिए योजनाएं अमल में लायी जानी हैं। रसायन मुक्त प्राकृतिक खेती (chemical free natural farming) को बढ़ावा देने की योजना है। अन्तर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष (international year of milletes-2022-23) भी बजट के संकल्प में शामिल है जिसके तहत बाजरा उत्पादन में तेजी आएगी और छोटे एवं मझोले किसानों को खासा लाभ होगा। सरकार 7 इंजन का बजट पेश कर रही है (7-engine budget) जिसमें अर्थव्यवस्था को ये 7 इंजन तेजी से मंजिल की ओर ले जाएंगे। गरीबों के लिए बन रहे आवास और तेज गति से बनाये जाएंगे। घर-घर नल से जल योजना को और तेजी से विस्तार दिया जाएगा। एक्सप्रेस वेज (express ways) निर्माण के काम को और गतिशील किया जायेगा। अवस्थापना सुविधाओं (logistics development and expansion) का तेज गति से प्रसार किया जाएगा। आत्म निर्भर भारत की आत्मा के साथ अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों (all sectors) में सभी संभावनाओं को विस्तार दिया जाएगा। ये सभी प्रयास अर्थव्यवस्था का कायाकल्प (facelift) करने वाले हैं। ये बजट गरीब से गरीब और अमीर से अमीर के लिए लाभदायी सिद्ध होगा।
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