खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नूं ने कनाडा के हिंदू समुदाय के खिलाफ एक वीडियो शेयर किया, जो दोनों देशों के खराब संबंधों का कारण था।
कनाडा में खालिस्तानियों के निशाने पर आए हिंदू समुदाय को वहाँ के विरोधी नेता का समर्थन मिला है। ध्यान दें कि कनाडा के विपक्षी नेता और कंजरवेटिव पार्टी के नेता पिएरे पोलिवरे ने हिंदुओं के खिलाफ फैलाई जा रही नफरत पर गुस्सा व्यक्त किया है। उनका कहना था कि हिंदुओं ने कनाडा के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनका कहना था कि कोई भी कनाडा में रह सकता है बिना डर के।
हिंदुओं का महत्वपूर्ण योगदान
पिएरे पोलिवरे ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा, “हर कनाडाई नागरिक बिना किसी डर के रहने का अधिकारी है और हर समुदाय का इस देश में स्वागत है।” हाल ही में हमने कनाडा में हिंदुओं के खिलाफ घृणित टिप्पणियों को देखा है, जिसका हम तीव्र विरोध करते हैं। हिंदुओं ने कनाडा के हर क्षेत्र में बहुत कुछ दिया है, और कनाडा में उनका हमेशा स्वागत है।जब कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर आरोप लगाए थे, पिएरे पोलिवरे ने कहा कि प्रधानमंत्री को अपने दावे के पक्ष में सबूत देना चाहिए ताकि कनाडा के लोग इस मुद्दे पर अपनी राय बना सकें।
भारत-कनाडा के संबंध में गिरावट
ध्यान देने योग्य है कि पिएरे पोलिवरे का यह सोशल मीडिया लेख एक ऐसे समय में लिखा गया है जब भारत-कनाडा के संबंध बिगड़ रहे हैं। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिस ट्रूडो ने पिछले दिनों भारत पर खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप लगाया था। भारत ने ट्रूडो की बातों को बेतुका बताया। खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नूं ने दोनों देशों के खराब रिश्तों के बीच एक वीडियो शेयर किया, जिसमें उसने कनाडा के हिंदू समुदाय को बदनाम किया और उन्हें भारत वापस चले जाने को कहा। कनाडा के हिंदू समुदाय का समर्थन करते हुए, कनाडा की सरकार और विपक्ष दोनों ने इसकी निंदा की है।
कनाडा की सरकार ने पहले भी हिंदू समुदाय का समर्थन किया है। कनाडा के सार्वजनिक सुरक्षा विभाग ने गुरपतवंत सिंह पन्नूं के वीडियो पर अपमान व्यक्त करते हुए कहा कि यह वीडियो आक्रामक और घृणास्पद है और यह सभी कनाडाई लोगों और हमारे मूल्यों का अपमान है। कनाडा सरकार ने कहा कि देश में आक्रामकता, नफरत, डराने-धमकाने या आतंकवाद की कोई जगह नहीं है। यह हमें बाँटने का प्रयास है। हम सभी कनाडाई एक दूसरे का सम्मान करते हैं और कानून को मानते हैं।”