नेशनल वार्ता ब्यूरो
भारतीय महिला हॉकी में अग्रिम मोर्चे की लोकप्रिय खिलाड़ी वंदना कटारिया वंदनीय बन चुकी हैं। आज भारत सरकार ने उत्तराखण्ड से ‘‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’’ की नायिका को गणतंत्र दिवस के अवसर पर सम्मानित किया है। वंदना कटारिया ने टोक्यो ऑलंपिक में कांस्य पदक के लिए ब्रिटेन से जूझते हुए शानदार प्रदर्शन किया था। इन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अपने प्रदर्शन को चरम तक पहुँचाते हुए एक के बाद एक तीन गोल दागे और भारत को जीत दिलाई थी। इनका प्रदर्शन लगातार सराहनीय रहा। भले ही भारत की महिला टीम पदक हासिल करने से वंचित रह गई हो किन्तु वंदना ने वंदनीय प्रयास करते हुए दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ हैट्रिक लगाकर इतिहास रच डाला था। वंदना को 2021 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इन्होंने अपने जीवन के विपरीत हालातों में संघर्ष का परिचय दिया है। 15 अप्रैल 1992 के दिन हरिद्वार जनपद में रोशनाबाद में इनका जन्म हुआ था। वे अपने माता-पिता की सातवीं संतान हैं। इनके दो भाई और दो बहनें सब के सब खेलों की दुनिया में यश कमा रहे हैं। यही नहीं इनकी भतीजी खुशी कटारिया भी हॉकी की दुनिया में प्रगति पथ पर हैं। वंदना ने भारतीय जूनियर हॉकी टीम में 2006 में प्रवेश किया था और 2010 में इन्हें सीनियर राष्ट्रीय टीम में स्थान मिला। 2013 में जर्मनी में हुए जूनियर विश्व कप में इनकी टीम कांस्य पदक जीतने में सफल रही। 2014 के राष्ट्रमण्डल खेलों में इनकी टीम का प्रदर्शन सराहा गया था। कुछ माह पहले वंदना कटारिया को उत्तराखण्ड सरकार ने महिला एवं बाल विकास विभाग की ब्रांड अम्बेसडर के रूप में महिला सशक्तिकरण अभियान का अहम् हिस्सा बनाया। -सावित्री पुत्र वीर झुग्गीवाला (वीरेन्द्र देव), पत्रकार
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